
Travel Time: इतिहास से जुड़ी पुरानी कलाओं को देखना है तो जरूर जाएं ऐहोल
इतिहास प्रेमियों के लिए ये जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं। ऐहोल कर्नाटक राज्य के बागलकोट जिला में एक प्राचीन मंदिर समूह के लिए प्रसिद्ध स्थल है। पुरानी कलाओं से सजे ऐहोल घुमना मजेदार होगा। पुरातत्व प्रेमियों को सच में इस जगह से प्यार हो जाएगा। कर्नाटक राज्य के बंगलौर शहर से 483 किमी. दूर यह शहर मालाप्रभा नदी के किनारे पर बसा है। यहां के मंदिरों में चालुक्य राजवंश के दौर की वास्तुकला देखने को मिलती है।

चालुक्यों की पहली राजधानी
ऐहोल के प्राचीन स्मारकों को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया हुआ है, एवं इनके युनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करने के प्रयास जारी हैं। ऐहोल, चालुक्यों की पहली राजधानी हुआ करती थी। किंवदंतियो के अनुसार, महान योद्धा ब्राह्मण परसुराम यहां रहते थे। एक बार कई क्षत्रियों की कुल्हाड़ी से हत्या करने के बाद उन्होने अपनी रक्तरंजित कुल्हाड़ी को मालाप्रभा नदी में धोया था इसी कारण यह नदी लाल है। ऐहोल का शाब्दिक अर्थ होता है-क्या नदी है।
चालुक्यों के 125 मंदिर
प्रसिद्ध ऐहोल में चालुक्यों के 125 मंदिर इसे बहुत ही ख़ास बनाते हैं। यहां सबसे पुराना लद खान मंदिर है बताया जाता है कि ये मंदिर पांचवी शताब्दी का है। गौड़ा मंदिर, सूर्यनारायण मंदिर, दुर्गा मंदिर यहां के एक अन्य प्रसिद्ध मंदिर है। यहां स्थित रावण फाडी गुफा देश का सबसे प्राचीन रॉक कट गुफा मंदिर है।
ऐहोल का शिलालेख
ऐहोल एक शिलालेख के लिए भी प्रसिद्ध है जो यहां का इतिहास बताता है। ऐहोल, बैंगलोर से 483किलोमीटर की दूरी पर है जहां सड़क मार्ग से आसानी के साथ पहुंचा जा सकता है। यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन बादामी है।